इस्लामाबाद: गंभीर आर्थिक संकट के चलते पाकिस्तान भी श्रीलंका की तरह बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले छह महीने से लगातार गिरता जा रहा है। इस संकट में पाक के प्यारे दोस्त चीन ने भी मुंह मोड़ लिया है। यहां महंगाई दर आसमान छू रही है, मूलभूत सुविधाएं लोगों से दूर होती जा रही हैं और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती जा रही है। पाकिस्तान में अनाज- बिजली के बाद अब रसोई गैस के लिए हाहाकार मची हुई है। आम लोग डर के मारे गैस सिलेंडरों का स्टॉक जमा कर रहे हैं। इससे नया सिलेंडर चाहने वालों या रिफिल कराने वालों की शामत आ गई है क्योंकि गैस सिलैंडर 10 हजार रुपए में बिक रहा है।
आटे के दाम आसमान पर
राजधानी इस्लामाबाद और कॉमर्शियल राजधानी कराची में आटे के दाम आसमान छू रहे हैं। पाकिस्तान में 1 किलो आटा 125 रुपये में मिल रहा है। यह थोक दाम है, ऐसे में फुटकर आटा खरीदने वालों को और ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार, 20 किलोग्राम के आटे की बोरी थोक में 2500 रुपए की मिल रही है। पिछले हफ्ते इसी बोरी की कीमत 2400 रुपए थी। पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि आटे की कीमतें 2500 रुपए तक पहुंच गई हैं। कराची, हैदराबाद और क्वेटा में 20 किलो आटे की कीमत में 100 रुपए की वृद्धि देखी गई है। इस कारण आटे की कीमतें कराची में 2500 रुपए हैदराबाद में 2420 रुपए और क्वेटा में 2320 रुपए हो गई हैं।
मुद्रास्फीति दर बढ़कर 24.5 फीसदी पर पहुंची
श्रीलंका की तरह ही पाकिस्तान भी आर्थिक बदहाली का सामना कर रहा है। पाक सरकार ने भी अब इसे मान लिया है। पाक रक्षा मंत्री ने खुद कहा है कि देश गंभीर स्थिति से गुजर रहा है। पेट्रोल-डीजल हो, खाने-पीने के सामान हों या फिर रसोई गैस और बिजली हर चीज स्थानीय लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है। देश में महंगाई का आलम ये है कि मुद्रास्फीति दर दिसंबर 2022 में बढ़कर 24.5 फीसदी पर पहुंच चुकी है। इसके अलावा पाक पर कर्ज भी लगातार बढ़ रहा है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) दिसंबर में 24.5 फीसदी हो गया। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (PBS) के डाटा को देखें तो एक साल पहले की समान अवधि में ये आंकड़ा 12.28 फीसदी दर्ज किया गया था।
CPI में साल-दर-साल इजाफा
CPI में साल-दर-साल इजाफा देखने को मिल रहा है और इसे काबू में करने के सरकार के सभी उपाय फेल नजर आ रहे हैं। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने भी देश के हालातों को देखते हुए इसके 23 से 25 फीसदी के बीच रहने का अनुमान जाहिर किया था। आंकड़ों से पता चलता है कि पाकिस्तान में खाद्य मुद्रास्फीति साल-दर-साल 35.5 फीसदी बढ़ी है, जबकि परिवहन की कीमतें 41.2 फीसदी और कपड़े व जूतों की कीमतों में 17.1 फीसदी की जोरदार तेजी आई है। स्थानीय मीडिया इंतेखाब डेली के मुताबिक देश की गरीबी दर में 35.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके चलते पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय गरीबी सूचकांक की लिस्ट में 116 देशों में से 92वें स्थान पर पहुंच चुका है।
खाद्य सुरक्षा पर गंभीर संकट का खतरा
रिपोर्ट में सरकार को सलाह देते हुए कहा गया है कि अगर देश में तेजी से बढ़ती महंगाई दर को नियंत्रित करने में सरकार विफल होती है, तो खाद्य सुरक्षा पर गंभीर संकट खड़ा हो सकता है। क्योंकि पहले से ही पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों, अफगानिस्तान संघर्ष, क्लाइमेट चेंज और महंगाई से खाद्य सुरक्षा की स्थिति बदतर हो चुकी है। अल अरबिया पोस्ट ने बताया कि ऊर्जा संकट के बीच, पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में लोग गैस सिलेंडरों की जमाखोरी कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को सिलेंडर ढूंढने से भी नहीं मिल रहे हैं। कालाबाजारी होने के कारण सिलेंडर के दाम सामान्य से काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। इस कारण पाकिस्तान की गरीब अवाम एलपीजी गैस की किल्लत से जूझ रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीजियो में लोगों को एलपीजी सिलेंडर भरने के लिए प्लास्टिक के गुब्बारों का इस्तेमाल करते हुए देखा गया था।